जिनेन्द्र भगवान (प्रभु महावीर) का अंश| जिसका सदैव प्रयास किया जा रहा है कि भगवान महावीर के बताए सिद्धांत "जियो और जीने दो" का पालन करें| हमें जीवन मिला है तो हम अन्य जीवों की भी सेवा करें|
हमारा उद्देश्य है कि हम जरूरतमंद, बेसहारा, बुजुर्गो व असमार्थ की सहायता करें| इस लक्ष्य को ध्यान में रखते हुए हमने वर्ष 2022 में कुछ बच्चों के लिए फीस देकर इस जैनांश फाउंडेशन की शुरुआत की| हमारा लक्ष्य मानव सेवा के साथ मूक प्राणियों की भी सेवा करना है
जैनांश फाउंडेशन नारी शक्ति का भी एक उदाहरण है| यह जैनांश फाउण्डेशन सम्पूर्णतः महिलाओँ द्वारा निर्देशित है| चार महिलाएँ - श्रीमती संध्या जैन, श्रीमती सरिता जैन, श्रीमती किरण जैन, श्रीमती रेणू जैन ने मिलकर इसकी स्थापना की|और आज इस फाउंडेशन से बहुत सारी महिलाएँ जुड़ी हैं व जैनांश के सेवा कार्यों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिभा है| सेवा समर्पण और सहयोग का भाव रखने वाली सभी महिलाओं के लिए जैनांश के द्वार खुले हैं|
मेरा सभी महिलाओं से आह्वान है कि सभी अपनी नारी शक्ति का परिचय देते हुए हमारे इस सेवा कार्य से जुड़े|